Sunday, June 29, 2008

वो आरुषि के क़ातिल को जानता है!

सब थक गए। पुलिस। सीबीआई। मीडिया। सब के सब। यहां तक की अब किसी घर में आरुषि से जुड़ी हर खबर में बस लोग यही जानना चाहते हैं कि क़ातिल कौन? लेकिन यही तो फांस है। अब कौन बताए कि क़ातिल कौन। लेकिन कोई है जो आरुषि के बारे में सब जानता है! शायद वो सब बता भी दे। अरे...पूछ के तो देखिए। अब आप सोच रहे होंगे की कौन है जो सब कुछ बता सकता है। जब देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी क़ातिल का पता लगाने की गुत्थमगुत्थी में पसीने-पसीने हो रही है तो वो कौन हो सकता है जो इस राज़ को फाश करने का माद्दा रखता है। सवाल में दम है, लेकिन जवाब बहुत आसान है। बाबा। वही बाबा जो समाचार चैनलों की टीआरपी बाबा के रूप में अपने सात पुश्तों का इंतजाम करने में लगे हैं। भई बाबा जब ग्रह, दशा, सुबह, शाम, कल, परसों सब बता रहे हैं। काले कुत्ते को काला चना खिलाने से भाग्योदय की राह दिखा रहे हैं। गाय को रसगुल्ले के रस में सनी रोटी खिलाने से अनहोनी को होनी में टालने की गारंटी दे रहे हैं। तो ऐसे बाबाओं से ही क्यूं नहीं पूछ लेते की आरुषि-हेमराज का क़ातिल कौन है। इन बाबाओं को सीबीआई और देश की उस बेचारी जनता से थोड़ी सहानभूति भी रखनी चाहिए। सीबीआई के अफ़सर कड़कड़ाती धूप और देश की जनता क़ातिल की अटकलबाजी करती हर एक ख़बर से बोर हो गई है। इन बाबाओं को चैनल पर बैठाइए। और पूरा राज श्रृंगार कर पूछिए तो सही...। देखिए ये क्या कुछ बताते हैं। यकीन मानिए ये कुछ न कुछ ज़रूर बकेंगे। ट्राई तो कीजिए। चलिए किसी चैनल ने न पूछा न सही। इन बाबाओं को एक टोली बनाकर खुद इस बाबत एक प्रेस कॉंफ्रेंस कर डालनी चाहिए। फिर देखिए जो चैनल नहीं कर सकेगा वो आप खुद कर लेंगे अपने लिए। तब पता चलेगा चैनल वालों को कि उन्होंने क्या खोया है। तो हे टीआरपी बाबा कुछ किजिए। जाएइ खोल डालिए तमाम राज़। लेकिन अगर ये बाबा कुछ नहीं बता पाए तो फिल लानत है। कैरियर से लेकर भूत भविष्य का भरोसा देने वाले इन बाबाओं पर फिर कौन विश्वास करेगा। बाबा ही तो कहते हैं कि सबकुछ हम पर छोड दीजिए। हम करेंगे आपकी तकलीफों का इलाज। तो ए बाबा...। कुछ कीजिए ना..।

4 comments:

Pragati Mehta said...

sachmuch ab to lagta hai ki inhi baba logon per kuchh bharosa karna padega. aakhir isme harj hi kya hai. 'sabkuchh'batane wale ye baba ko bhala ye to pata hona hi chahiye. pata hai jab yeh baba screen per awtarit honge to kya chalega--Breaking News--Baba Ke Pitara se nikla hatyara.--Fir lautte hain break ke bad.

Udan Tashtari said...

बाबाजी के सामने पहले शर्त रख दें कि अगर गलत निकले तो बाबाजी को हत्यारा माना जायेगा. सब बाबा भाग लेंगे. बिना जिम्मेदारी के बोलना होता है तो चले हुए हैं.

36solutions said...

बढिया प्रयास है आपका, धन्यवाद । इस नये हिन्दी ब्लागग का स्वागत है ।

पढें हिन्दी ब्लाग प्रवेशिका

ताऊ रामपुरिया said...

बाबाओं की दूकान दारी फिफ्टी फिफ्टी की होती है ! ये संभावनाओं का धंधा है ! यानि चित और पट का !
एक ओरत को बड़ी मन्नतों के बाद बच्चा होने वाला था ! एक बाबा वहाँ आए , बड़ा माल छाना , जम कर दक्षिणा वसूली और देदिया आशीर्वाद लड़का होने का ! और चलते समय पास के ही घर वालों को चुपके से बोल दिया की भाई इनको होगी तो लड़की ही पर मैंने इनका मन रखने को लड़का होने का कह दिया है !
अब देखिए इनकी चालाकी ! सब लफंगे हैं ! असली बाबा हमें तो मिले नही ! जो भी आदमी थोडा बहुत मनोविज्ञान समझता है वो एक बाबा तो बन ही सकता है !
हम भी कोई चैनल ढुन्ढ रहे हैं ! आपकी निगाह में हो तो अवश्य सूचित करें ! हा ! हा !! बन्दर बाबा !!!


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